क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने, जा नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने, लाख फ़ौजें ले के आये अमन का दुश्मन कोई, रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने, हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं।। कवि प्रदीप #rampujari #deshbhakti #indeoendenceday #poem #shayari #India #Hindustan #Tiranga #15august #Love #jaihind #vandematram