बादलों के बीच से कहीं एक आवाज आई। शायद वहाँ किसी ने महसूस की मेरी तन्हाई। मन बेचैन, दिल रुआंसा, हाय ये कैसी रुसवाई। खूब बरसे थे नैना मेरे, जब सही न गई ये तन्हाई। झर-झर बहते नैना मेरे, हाय ये कैसी किस्मत पाई। बादलों ने भी मेरा साथ दिया, अश्कों की धार लगाई। 🔴 "दोस्तों आप लोग कोल्लब (COLLAB) करने से पहले कैप्शन जरूर पढ़ लें" 🔴 "आज के प्रतियोगिता का टॉपिक "बादल" है जो, Esha Gupta जी ने दिया है! 🔴 " इस प्रतियोगिता का समय सीमा आज रात्रि 12:00