written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मिसाल हम किसकी देते। बदनामी के दाग़ हम पर थे। चिंगारियां भी हमसे निकली। मिसाल हम खुद बन गए। हिदायते खुद की थी। सरहदों पर बंदिशों बेतहाशां थी। कोई रोकं ना पाया मेरे विचारों की धारा। यूं ही कही लिख दिया खुद का नाम। जज़्बाते हर्षिता से पहचान मिल गई। ज़िन्दगी को नई राह मिल गई। written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मिसाल हम किसकी देते। बदनामी के दाग़ हम पर थे। चिंगारियां भी हमसे निकली। मिसाल हम खुद बन गए। हिदायते खुद की थी। सरहदों पर बंदिशों बेतहाशां थी।