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- GAZAL E KRANTI लफ्जों के इत्तफाक में

-            GAZAL E KRANTI
लफ्जों के इत्तफाक में यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा, बस मुस्कुरा के देख।
लफ्जों के -----
नजीर नहीं कोई जिसका, तू वो बेनजीर है
चल जाये तो हो घायल दुनिया, एक ऐसी तीर है।
तू देखकर आँखें न चुरा, बस आँखें चुरा के देख।
लफ्जों के ......
यूं तो हमदर्द कई हैं तेरे और हमसफर भी हैं
नूर बेमिसाल तेरा, तू नूर ए नजर भी है।
तू नजर भले न आ , बस नजर में आ के देख।
लफ्जों के ------
पलकों के सामियाने में तुझे रखेंगे उम्र भर
सँवारेंगे, निखारेंगे अपनी साँसे दे-देकर।
तू बढाकर कदम न रूक, रूके कदम बढ़ा के देख।
लफ्जों के ------
करेगा कौन मोहब्बत इतनी ऐ खुदा जरा बता
भर लेंगे तुझे बाहों में कभी हुई जो कोई ख़ता।
तू हार न दिल अपना , मेरे  दिल को हरा के देख
लफ्जों के -----

अरुण क्रांति कुशवाहा
Copyright reserved -            GAZAL E KRANTI
लफ्जों के इत्तफाक में यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा, बस मुस्कुरा के देख।
लफ्जों के -----
नजीर नहीं कोई जिसका, तू वो बेनजीर है
चल जाये तो हो घायल दुनिया, एक ऐसी तीर है।
तू देखकर आँखें न चुरा, बस आँखें चुरा के देख।
लफ्जों के ......
-            GAZAL E KRANTI
लफ्जों के इत्तफाक में यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा, बस मुस्कुरा के देख।
लफ्जों के -----
नजीर नहीं कोई जिसका, तू वो बेनजीर है
चल जाये तो हो घायल दुनिया, एक ऐसी तीर है।
तू देखकर आँखें न चुरा, बस आँखें चुरा के देख।
लफ्जों के ......
यूं तो हमदर्द कई हैं तेरे और हमसफर भी हैं
नूर बेमिसाल तेरा, तू नूर ए नजर भी है।
तू नजर भले न आ , बस नजर में आ के देख।
लफ्जों के ------
पलकों के सामियाने में तुझे रखेंगे उम्र भर
सँवारेंगे, निखारेंगे अपनी साँसे दे-देकर।
तू बढाकर कदम न रूक, रूके कदम बढ़ा के देख।
लफ्जों के ------
करेगा कौन मोहब्बत इतनी ऐ खुदा जरा बता
भर लेंगे तुझे बाहों में कभी हुई जो कोई ख़ता।
तू हार न दिल अपना , मेरे  दिल को हरा के देख
लफ्जों के -----

अरुण क्रांति कुशवाहा
Copyright reserved -            GAZAL E KRANTI
लफ्जों के इत्तफाक में यूँ बदलाव करके देख,
तू देख कर न मुस्कुरा, बस मुस्कुरा के देख।
लफ्जों के -----
नजीर नहीं कोई जिसका, तू वो बेनजीर है
चल जाये तो हो घायल दुनिया, एक ऐसी तीर है।
तू देखकर आँखें न चुरा, बस आँखें चुरा के देख।
लफ्जों के ......

- GAZAL E KRANTI लफ्जों के इत्तफाक में यूँ बदलाव करके देख, तू देख कर न मुस्कुरा, बस मुस्कुरा के देख। लफ्जों के ----- नजीर नहीं कोई जिसका, तू वो बेनजीर है चल जाये तो हो घायल दुनिया, एक ऐसी तीर है। तू देखकर आँखें न चुरा, बस आँखें चुरा के देख। लफ्जों के ......