क्या लिखूँ तेरे बारे में, तेरी करतुते ही ऐसी हैं कि जब बैठता हूँ लिखने, तो मेरा कलम मुझे रोक लेता हैं । मना लु स्याही ओर कलम को, तो मेरा जमीर मुझसे ही लड़ बैठता है। अगर इनसे लड़कर कुछ लिख लू ,तो उन नापाक शब्दों को कोन देखता है ।। ✍रघुवीर सोऊ #raghuveerwrits #poem #love