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काश फिर से वो बहार आ जाता। सावन में बूंदों का फुहा

काश फिर से वो बहार आ जाता।
सावन में बूंदों का फुहार आ जाता।
हम ऐसे ही छुपा लेते तुम्हें अपनी बाहों में,
अगर फिर से वो हसीन रात आ जाता।

संजीव पाण्डेय Haksh Pandey Aahna Verma Kanika Girdhari Shambhu Kumar Gupta Sangeeta
काश फिर से वो बहार आ जाता।
सावन में बूंदों का फुहार आ जाता।
हम ऐसे ही छुपा लेते तुम्हें अपनी बाहों में,
अगर फिर से वो हसीन रात आ जाता।

संजीव पाण्डेय Haksh Pandey Aahna Verma Kanika Girdhari Shambhu Kumar Gupta Sangeeta