ये जान कर भी कि हमारी मंज़िलें अलग हैं तुम फिर भी साथ चलो ना कबतक लड़ूँ अकेले मैं इन काँटों भरी राहों से कुछ दूर तक ही सही कोई साथ तो होगा पूरा नहीं तो अधूरा ही सही मगर इश्क़ क्या है ये एहसास तो होगा दूर कहीं चलते चलते फिर एक मोड़ ऐसा आएगा जहाँ से हम दोनों का रास्ता बिल्कुल अलग हो जाएगा ट्रैन में मिले किसी मुसाफिर की तरह तुम्हे मुस्कुरातें हुए मैं विदा करूँगा याद रहोगे तुम हमेशा वादा है हर रोज़ तुम्हे एक खत लिखूँगा पर तुम तक ना पहुँच पायेगा वो क्योंकि लिखकर हर बार की तरह इस बार भी मैं उसे दराज़ के किसी कोने में छुपा दूँगा - Pen Vibes / Rohit Sharma #nojoto #love #poetry #writersofinstagram #yourquote #nojotoapp #poetsofindia #nojotoofficial #lovequotes