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तस्बीह की तरह घुमाता रहा ख्वाहिश हाथों में, 108 हो

तस्बीह की तरह घुमाता रहा ख्वाहिश हाथों में,
108 हो गये बता क्या मांगा है खुदा से।

*जप माला तस्बीह- जप माला
तस्बीह की तरह घुमाता रहा ख्वाहिश हाथों में,
108 हो गये बता क्या मांगा है खुदा से।

*जप माला तस्बीह- जप माला

तस्बीह- जप माला