#OpenPoetry दर्द किया होता है बतायेंगे एक रोज़ प्यार की गजल सुनायेंगे किसी रोज़ थी उनकी जिद की में जाऊ उनको मानाने मुजको ये वेहम था वो बुलायेंगे किसी रोज़ ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा ऐसे आने से तो बहेतर था न आना तेरा वो शख्स जिसे तूने छोड़ने की जल्दी की तेरे मिज़ाज के सोंच में ढाल भी सकता था वो जल्दबाजी में खफा हो के चल दिया वरना नतीजे का कोई हल निकल भी सकता था तमाम उम्र तेरा मुताज़िर रहा मोहसिन ये और बात थी के वो रास्ता बदल भी सकता था commerce student Govind Goswami #OpenPoetry Govind Goswami follow me