ऐ खुदा क्या अजब तेरी खुदाई है जो मुझको गम दिया कल ही खुद चल के पास आई है ।। समझ आता नही क्या बात करूं उस बेवफा से अब जो मेरे प्यार के सृंगार को कल ही रुलाई है ।। अशोक सिंह