मिल जाती अगर सभी को अपनी मोहब्बत में मंजिल.. तो यकीनन रातों के अँधेरों में कोई दर्द की गज़ल नहीं लिखता प्रिय प्रतिबिम्ब " दिव्य शब्द संग्रह "