सुनो, माँग लूँ कि रोक लूँ,.?? दुआ तेरे नाम की,. लिख दूँ कि रहने दूँ,.?? नज़्म तेरे नाम की,. रख लूँ या फेंक दूँ,.?? वो-तोहफ़ा तेरी याद का,. सोच लूँ कि छोड़ दूँ,.?? ख़याल तेरी याद का,. जी लूँ कि भूल जाऊँ,.?? लम्हा तेरे साथ का,. ग़ालिब परवेज़ #One_Shayri_One_Story #Special_to_u_Bachkani