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दिन बीता रात गयी हर पल हर लम्हा तुमसे मिलने की आस

दिन बीता रात गयी
हर पल हर लम्हा
 तुमसे मिलने की आस गयी
न तो आँखों में कोई उम्मीद की डोरी 
न ही होंठो पर 
अब कभी मुस्कान रही
कितनी बेबस है
 ये ज़िंदा रहने की जदोजहद
एक सांस रुकी एक सांस गयी,,,,
दिन बीता रात गयी
हर पल हर लम्हा
 तुमसे मिलने की आस गयी
न तो आँखों में कोई उम्मीद की डोरी 
न ही होंठो पर 
अब कभी मुस्कान रही
कितनी बेबस है
 ये ज़िंदा रहने की जदोजहद
एक सांस रुकी एक सांस गयी,,,,