करवटें बदल रहा हूँ । सलवटें बढ़ रही है ।। नींद ओझल है आँखो से । रात को फिर भी काटनी ही है ।। द्वन्द खुद से है । या जहान से है ।। बस इसी सवाल में । के राते जाग जाग कर काटी है ।। #राते #करवटें #सलवटें