वो जो एहसास खुशबुओं से मिल गये जाकर उन्हीं को मिल करके हर सुबह मुस्कुराती है.. जमीं से दूर आसमानों की पनाहों में भी यकीन बन कर के कौंध जाती है ये कौन है जो जुगनुओं से मिल कर के सूरज से आंखें मिलाती है आवाज़ उठाती है जवां दिलों में छुप के रहा करती है वक्त आने पर साफ़ नज़र आती है नयी हो राह कि वो सम्त एक पुरानी हो सूखे पेडों मे भी हरियाली सी बिखर जाती है ये वही हिम्मत है जिसमें आदमियत की रूह हर रोज बेहतरी से निखर जाती है... # हिम्मत