यूँ हमारा हाथ छोडने कि तुम्हें इजाजत नहीं हैं । हम तो तेरे पिछे पिछे आएंगे इतना जो तुम्हें पहचानते हैं ॥ हम भी तो आम इन्सान ही हैं हम से भी गलती तो सकती हैं। गलती हुई हैं कोई गुनाह तो नहीं माफी नहीं तो सजा तो हो सकती हैं॥ हसते हसते सजा भी कबूल कर लेंगे इतना प्यार तो हम तुमसे करते हैं । चाहे जितना भी मुँह फेरो हमसे तुमसे दूर जाना हमें मंजूर नहीं हैं॥ जितना हम तुम्हें दिलोंजान से चाहते हैं उतना तुम भी तो हमें प्यार करते हैं ॥ कितनी भी छुपाने कि कोशिश कर लो दिल कि बात दिल तक पहुँच जाती हैं॥ जानते हैं हम,तुम तकलीफ में हो हम भी तो यहाँ तुम्हारे लिए तडप रहे हैं। चलो दोनोंही एक एक कदम आगे बढ़ाते हैं खुशीयों कि मंजिल हम खुद तय कर लेते हैं ॥ विनया कविटकर 🌹