आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक मिर्ज़ा ग़ालिब ( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Mirza Ghalib Ghazal मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक दाम-ए-हर-मौज में है हल्क़ा-ए-सद-काम-ए-नहंग देखें क्या गुज़रे है क़तरे पे गुहर होते तक