जो नसीब से मिलते है। वो कहाँ करीब मिलते है। हाँ मिलते नहीं वो बिछङते है। वो कहाँ नसीब से मिलते। बस दिल हि तो मिलते है। और बगियाँ में खिलें फूलो के जैसे दो फूल खिलते। वो ऐसे ही बिछङते और मिलते है। तने से डाली , डाली से शाख और शाख से पत्ते और पत्तो से फूल वो फिर कहाँ मिलते है (@@;)neetuशharmA✍ वो कहाँ नसीब से मिलते है।...🥀जो नसिब से मिलते है।...🥀....#nojotohindi#nojotoqutoes#nojotolove#nojotoshyari#poem#stories#share#follow#qutoes#shabdanchal#mirakee#amarujalakavya.