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मिलूं मैं मन्नतों से तुमको ये डर हो खो भी जायेगा म

मिलूं मैं मन्नतों से तुमको ये डर हो खो भी जायेगा
मेरे महबूब जीने का मजा भी तब ही आएगा

टूटे जब पैमाने गिरकर छलके जब जाम आंखों से 
मेरे महबूब पीने का मजा भी तब ही आएगा 

बढ़े दिल की बेचैनी पले तूफ़ान आँखों में 
ना कम हो दर्द सीने का मजा भी तब ही आएगा 

ये गम हो देर से लौटी ये खुशी मैं मिलने वाला हूं
 मेरे महबूब मरने का मजा भी तब ही आएगा

हारा हो दिल जो किसी और को अपना 
उसी को दिल में रखने का मजा भी तब ही आएगा

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #jayega