Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी माँ बनकर सारे जग को अपने चरणों में झुका लेती,

कभी माँ बनकर सारे जग को अपने चरणों में झुका लेती,
कभी बहन तो कभी सखा बनकर उलझनों से निकालती,
कभी पत्नी बनकर आजीवन साथ निभाती,
कभी पुत्री बनकर घर में रौनक है लाती,
इतने सारे रिश्तो को वह बखूबी निभाती,
तमाम यातनाये सहन कर चुप है रहती,
सच है स्त्री है वो कुछ भी है कर सकती।।

©Shriprakash Kashyap #international_womens_day #Womens_Day
कभी माँ बनकर सारे जग को अपने चरणों में झुका लेती,
कभी बहन तो कभी सखा बनकर उलझनों से निकालती,
कभी पत्नी बनकर आजीवन साथ निभाती,
कभी पुत्री बनकर घर में रौनक है लाती,
इतने सारे रिश्तो को वह बखूबी निभाती,
तमाम यातनाये सहन कर चुप है रहती,
सच है स्त्री है वो कुछ भी है कर सकती।।

©Shriprakash Kashyap #international_womens_day #Womens_Day