दुनिया की बातों में हम क़ैद हो के रह गए, रंग बांटते गए अपने आज हम सफ़ेद हो के रह गए, चार-सू इश्क़-ए-आब था, दिल दुखाया यूँ कि हम रेत हो के रह गए दुनिया की बातों में हम क़ैद हो के रह गए।