समझ नही आता शुरु कहॉं से और खत्म कहां तक करू, यह रिश्ता ही अनोखा है। बेटी के लिए मैंने एक पिता को झुकते हुए भी देखा है ।। आसान नहीं होता बेटी का बाप होना गमों को छुपाकर भी मुस्कुराना पड़ता है। पर समझ नही आता जिस कली को जिदंगी भर सीचा था ।। उसको एकदिन पेड़ बनाकर दूसरो को क्यों थमाना पड़ता है? हर मोड़ पर पिता को जिम्मेदारियों से घेर लिया जाता है। पर एक बेटी से ज्यादा पिता को कोई नहीं समझ पाता है।। जिसकी अंगुली थाम के चलूँ तो हर रास्ता भी आसान है। इसलिए एक पिता का स्थान भगवान के समान है।। Superhero, myhero तो हर कोई तुम्हें बताता है। पर papa ka pride तो हर कोई नही बन पाता है।। हर दुख बच्चों का खुद पे वो सह लेतें हैं, उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते है।। Prachi tyagi... #happy fathers day Care fathers love fathers