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कबीर की जात कान्हा का कल हूं मैं, दर्द की किताब का

कबीर की जात कान्हा का कल हूं मैं,
दर्द की किताब का एक ग़ज़ल हूं मैं।
बेवजह बढ़ा रहे हो अपनी उलझन तुम,
तुम्हारे उलझे सवालों का हल हूं मैं। #NojotoQuote
कबीर की जात कान्हा का कल हूं मैं,
दर्द की किताब का एक ग़ज़ल हूं मैं।
बेवजह बढ़ा रहे हो अपनी उलझन तुम,
तुम्हारे उलझे सवालों का हल हूं मैं। #NojotoQuote
manishyadav8210

Manish Yadav

New Creator