एक काफ़िर था, ना कोई नवाज़ी... फिरता रहा गलियो में, सुनाता रहा किस्से-कहानी। कहानी रंज-ओ-ग़म की, तो कुछ इश्क़ की निशानी। कुछ ने तौला रुपयो से, तो कुछ ने महेज़ गौर फ़रमाई। अंजाम-ए-तौर बरकत सब ने पायी।। ©© जिन्होंने गौर फरमाया? उन्होंने इश्क़ में ईबादत पायी, और बदले में मुट्ठी भर इंसानियत कमाई। जिन्होंने तौला था रुपयो से? उन्होंने रुपये कमाये, और बदले में शान-ओ-शौक़त पायी।। खो गया काफीर इक रोज़, ना की खबर किसी ने ,ना कोई खोज। जो निकला बरकत बाद भी ढूंढने उसको? बोलो ?उसने क्या था पाया ओर क्या थी उसकी कमाई? what you think?? what was his earning? #3shakks #insaaniyat #jannat #paheli #ishq #nojoto 🙄