दोस्त मै यादों का क़िस्सा खोलू ,तो कुछ पुराने दोस्त बहुत yaad आते है। मै बीते हुए पल को सोचू , तो कुछ दोस्त बहुत yaad आते है। कुछ बाते थी फूलों जैसी, कुछ लहज़े ख़ुशबू जैसे थे मै शहर ए चमन में घुमु ,तो कुछ दोस्त बहुत याद आते है। सबकी जिंदगी बदल गई, एक नए सांचे में ढल गई। किसी को नौकरी से फुर्सत नहीं ,तो किसी को दोस्तों की जरूरत नहीं, सारे यार गुम हो गए हैं, तू से तुम और आप हो गए है। धीरे धीरे उम्र कट जाती है, जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है। और इन्हीं यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है। किनारों पर सागर के ख़ज़ाने नहीं आते,जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते । जी लो इन पलो को हंसकर ए दोस्त,फिर लौटकर दोस्ती के गुज़रे ज़माने नहीं आते। फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते।। नवी Verma. school friends....