"यकीं ना हो खुदा पे तो इबादत हो नहीं सकती।
कहीं शक़ हो ज़ेहन में तो मोहब्बत हो नहीं सकती।
भुला भी दूँ मैं खुदको तो..मुझे क्या फर्क पड़ता है...
भुलाने की तुझे दिल को इजाज़त हो नहीं सकती।
✍️राधा_राठौर♂"
यकीं ना हो खुदा पे तो इबादत हो नहीं सकती।
कहीं शक़ हो ज़ेहन में तो मोहब्बत हो नहीं सकती।
भुला भी दूँ मैं खुदको तो..मुझे क्या फर्क पड़ता है...
भुलाने की तुझे दिल को इजाज़त हो नहीं सकती।
✍️राधा_राठौर♂