शाम हो गई है चाँद फलक पे हैं अब तो आ जाओ तुम याद पलक पे हैं न सतायो मुझे में मर जाऊँगा वैसे ही जिन्दगी मेरी सड़क पे हैं शाम ओर याद agastya