तुझसे मिलने से पहले मुझे कुछ नही आता था, तेरी छाँव के दरमियाँ ही मैं सुकूँ पाता था, वो वक़्त भी कितना हसीं था यार जब पूरी यूनीवर्सिटी में, मैं तेरे नाम से जाना जाता था ..... #जलज राठौर "होस्टल की यादें तुझसे मिलने से पहले मुझे कुछ नही आता था, तेरी छाँव के दरमियाँ ही मैं सुकूँ पाता था, वो वक़्त भी कितना हसीं था यार जब पूरी यूनीवर्सिटी में, मैं तेरे नाम से जाना जाता था ..... #जलज राठौर "होस्टल की यादें