तेल , युद्ध , बच्चे , नारी, मशाल , धर्म के ठेकेदार , ढांचों के रखवाले, महात्मा कैसे है ये हालात, क्यों इतनी अँधेरी है रात , ना नारी पर रेहेम , ना बच्चों के लिए जज़्बात , मशाल लेकर चलने वाले कहा खो गए , लगता है सारे झुग्नू सो गए #तेल , #युद्ध , #बच्चे , #नारी, #मशाल , #धर्म के ठेकेदार , #ढांचों के रखवाले, #महात्मा #adharm