गलत धारणा
संत रामपाल जी महाराज तो खुशी के गीत, जन्मदिन, उत्सव और किसी भी तरह की खुशी आदि मनाने को मना करते हैं।
खण्डन
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी से परिचित होकर आदरणीय नानक साहेब जी ने भी कहा है इस काल लोक में कैसी खुशी मनाऊं जब यहाँ एक पल का भी भरोसा नहीं है कि कब कोई भयंकर कष्ट आ जाए और कब मृत्यु हो जाए।
ना जाने काल की कर डारे,
किस विध ढल जा पासा वे,
जिन्हादे सिर ते मौत खुड़कदी, #Thoughts