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वह निरंतर अविरल कुछ सुना रही थी, वो रोज इसी समय खि

वह निरंतर अविरल कुछ सुना रही थी,
वो रोज इसी समय खिड़की पर आ रही थी,
खिड़की पर आकर कभी धीमे,कभी तीव्र स्वर गुनगुनाती थी,
जाने अनजाने में ही सही मैं अपना काम छोड़
उसकी गतिविधियों को देखती जा रही थी,
कभी उसे मेरे इस तरह उसे देखने का फर्क पड़ता
कभी वो अपने मस्ती में बस गुनगुना रही थी,
जब भी मुझे समय मिलता उसे सुनने मैं बैठ जाया करती थी उसके पास,
न जाने क्यों बार-बार मेरा ध्यान भटका रही थी,
कभी गुस्सा भी आता था पर फिर सोचती ये नासमझ कहां समझने वाली है,
ऐसा लगता था जैसे वह कुछ कहना चाहती थी,
क्या अपनी सखी सहेलियां को वो बुला रही थी,
या सिर्फ मेरा ध्यान भटकाने बार-बार मेरी खिड़की पर आ रही थी,
पर जो भी हो घर में मधुर स्वर गुनगुना रही थी,
जैसे मुझसे रोज मेरा हाल पूछने आ रही थी,
कभी-कभी उसका वो स्वर शांत वातावरण में मिश्री सा घोल रहा था,
जैसे मुझे वह बस कुछ सुनाने आ रही थी,
एक चिड़िया आजकल मुझसे रोज मिलने आ रही थी... #चिड़िया
#lovebirds #पक्षी #Nojoto #nojotoapp
वह निरंतर अविरल कुछ सुना रही थी,
वो रोज इसी समय खिड़की पर आ रही थी,
खिड़की पर आकर कभी धीमे,कभी तीव्र स्वर गुनगुनाती थी,
जाने अनजाने में ही सही मैं अपना काम छोड़
उसकी गतिविधियों को देखती जा रही थी,
कभी उसे मेरे इस तरह उसे देखने का फर्क पड़ता
कभी वो अपने मस्ती में बस गुनगुना रही थी,
जब भी मुझे समय मिलता उसे सुनने मैं बैठ जाया करती थी उसके पास,
न जाने क्यों बार-बार मेरा ध्यान भटका रही थी,
कभी गुस्सा भी आता था पर फिर सोचती ये नासमझ कहां समझने वाली है,
ऐसा लगता था जैसे वह कुछ कहना चाहती थी,
क्या अपनी सखी सहेलियां को वो बुला रही थी,
या सिर्फ मेरा ध्यान भटकाने बार-बार मेरी खिड़की पर आ रही थी,
पर जो भी हो घर में मधुर स्वर गुनगुना रही थी,
जैसे मुझसे रोज मेरा हाल पूछने आ रही थी,
कभी-कभी उसका वो स्वर शांत वातावरण में मिश्री सा घोल रहा था,
जैसे मुझे वह बस कुछ सुनाने आ रही थी,
एक चिड़िया आजकल मुझसे रोज मिलने आ रही थी... #चिड़िया
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