होंठ और तिल मैंने जितने भी खुशनुमा काम किये होंगे, उन सबका हिसाब नज़र आ रहा था, उसने चूमा था मुझे अपने सुर्ख होठों की लाली के साथ,देखा खुद को आईने मे उस रोज , साहेब मैं गुलाब नज़र आ रहा था......❤️❤️ मै गुलाब नज़र आ रहा था.....