"अधर्म" को "धर्म" करके डराया जाये, क्यों न हर दिन #दशहरा मनाया जाये। #मर्यादा में रहकर भगवान #श्रीराम जैसे, क्यों न मन की "गंदगी" को साफ़ किया जाये। #रावण का पुतला जलाते रहेंगे कब तक, क्यों न कलयुगी रावण का ही दहन किया जाये। #VijayaDashami #दशहरा #Dussehra