मेरी मोहब्बत तो उस चाँद की तरह हैं जो अनगिनत सितारों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा देती हैं, वरना...आजकल तो मोहब्बत कुछ इस कदर बदनाम हैं, शुरू आँखो से होती हैं और खत्म बिस्तर में.....