टूट कर हर बार जुड़ जाना आसान नहीं होता कुछ दरारें कभी भरती नहीं ज़ख्म इतने गहरे के घाव भर भी जाए तो कुछ निशान मिटते नहीं दर्द बेतहाशा और हाल बेहाल चोट इतनी गहरी की मरहम कोई लगते नहीं ज़हर पीती हूं या दवा फर्क पड़ता नहीं इतनी कड़वी हो चुकी हूं तेरी मीठी बातें भी अब काम करती नहीं टूटे दिल के टुकड़े अब मुझी को चुभ रहे खामोशी भी मेरी अब चीखती है दर्द सहना अब मेरे बस की बात नहीं तमन्ना थी एक आखिरी बार तेरे सीने से लगू पर डरती हूं मेरे टूटे दिल के टुकड़े अब तुझे भी चुभे नहीं @deepali dp #mojzamiracle #deepalidp #jashnerekhta #hindishayari #broken #lost #hurt