वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि कोई आ के मुझसे जैसे लिपट गया है, किन्तु थोड़ी देर बाद मुझे पता चला कि ये तो मेरी ही छाया थी। indira