इक यही तो हमारी आखिरी निशानी होगी, जिस दिन तुझे ही मेरी डोली उठानी होगी, कैसे रोकूंगी इस इश्क करने से उसे मैं भी, जिस दिन मेरी खु़द की बेटी सयानी होगी, किताब भी तेरी खुद के ही आंसू से भीगेगी जब तस्वीर तुझे उस में से मेरी हटानी होगी, खुश तेरी माशुका मगर आंखें तेरी नम फ़िर, जब तुझे उसे मेरी लाल साड़ी पहनानी होगी, पूछे तो कहना कि एक पसंद की पसंद है ये, जब दीवार के रंग की कहानी बतानी होगी, मै फ़िर मिलूंगी तूझे ,नयी दुनिया में कहीं तो, फिर से यही जोड़ी , यही प्रेमकहानी होगी। © Vaishnavi Bairagi #nojoto #nojotowriters #nojotohindi #quotes #writting #tgoughts #shayari #love