काश माँ तुम होती तो शायद मैं ऐसी ना होती इन हसीं हसीं लम्हों में यूँ बुझी बुझी ना होती। बचपन बिन तुम्हारे बीता एक झलक दिखला जाती उलझे मेरे केशों को तुम माँ धीरे से सुलझा जाती निरी तकलीफ़ों की छाँव में मैं छुप छुप कर ना रोती काश माँ तुम होती तो शायद मैं ऐसी ना होती.. अठखेली भरी बातें मेरी माँ कानों से तुम सुनती गोदी में सर रखकर मीठे सपनों को मैं बुनती तुम्हारे आँचल के साये में चैन की नींद मैं सोती काश माँ तुम होती तो शायद मैं ऐसी ना होती ग़लतियों पर मेरी तुम डाँट कर पुचकार लेती भटकते जो कदम मेरे माँ तुम सम्भाल लेती अपनी ममता के रस से मुझको हर रात भिगोती काश माँ तुम होती तो शायद मैं ऐसी ना होती रातों को माँ मीठी लोरी गाकर तुम मुझे सुलाती बिटिया बिटिया कहकर माँ जो तुम मुझे बुलाती अपनी बाहों का झूला माँ जो तुम मुझे झुलाती तुम संग बीते वो मीठे पल माँ मैं कभी नही खोती काश माँ तुम होती तो शायद मैं ऐसी ना होती दूल्हन बना मुझको तुम कन्यादान तो करने आओ कलेजे के टुकड़े को डोली में बिठा विदा कर जाओ तुमको लगे लगाकर माँ जी भर बेअशक रोती काश माँ तुम होती तो शायद मैं ऐसी ना होती #NojotoQuote kaash maa tum hoti 😔