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प्रेम में.. पहले बदन के हिस्से आती है मजदूरी फिर स

प्रेम में..
पहले बदन के हिस्से आती है मजदूरी
फिर सांसों को दिहाड़ी पर रखा जाता है
:
और एक दिन न मजदूर बचता है न उसकी मजदूरी..
बचता है तो बस प्रेम
मजदूर के फावड़े की तरह.
/
~नीरज 
©neerajthepoet प्रेम में..
पहले बदन के हिस्से आती है मजदूरी
फिर सांसों को दिहाड़ी पर रखा जाता है
:
और एक दिन न मजदूर बचता है न उसकी मजदूरी..
बचता है तो बस प्रेम
मजदूर के फावड़े की तरह.
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प्रेम में..
पहले बदन के हिस्से आती है मजदूरी
फिर सांसों को दिहाड़ी पर रखा जाता है
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और एक दिन न मजदूर बचता है न उसकी मजदूरी..
बचता है तो बस प्रेम
मजदूर के फावड़े की तरह.
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~नीरज 
©neerajthepoet प्रेम में..
पहले बदन के हिस्से आती है मजदूरी
फिर सांसों को दिहाड़ी पर रखा जाता है
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और एक दिन न मजदूर बचता है न उसकी मजदूरी..
बचता है तो बस प्रेम
मजदूर के फावड़े की तरह.
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प्रेम में.. पहले बदन के हिस्से आती है मजदूरी फिर सांसों को दिहाड़ी पर रखा जाता है : और एक दिन न मजदूर बचता है न उसकी मजदूरी.. बचता है तो बस प्रेम मजदूर के फावड़े की तरह. / #Poetry #poem #nojotopoetry #lovepoetry #nojotoapp #NojotoWriter #मजदूर_दिवस #Happylabourday #neerajthepoet #hindippetry