इंसान कितना भी अच्छा हो उसके जीते जी लोग उसे कोसते और चार बात सुनाते है उसकी हजार अच्छाई नहीं दिखती एक गलती पर ना जाने कितनी दोहमते लगाते है अर्थी को कांधा देने फिर यही लोग आते है जीते जी अच्छाई दिखी नहीं मरने पर आसू बहाते है चिता की अग्नि शांत भी ना हुई बस हमदर्द होने के बहाने बनाते है उसके बाद तो बातों में वो कितना अच्छा इंसान था यही कहते नजर आते है। #nojoto hindi#truth#reality of our society#plz value relation and human