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वो पंछी की तरह उड़ना चाहता है अपने ही हाल में जीन

वो पंछी की तरह उड़ना चाहता है 
अपने ही हाल में जीना चाहता है |

ना हो किसी की खबर उसे, बस 
अपने में ही, मस्त रहना चाहता है |

खुद को पाने की इतनी बेताबी है, की
अकेले में ही खुद को जानना चाहता है |

हर मुश्किल से लड़कर अब, खुद 
ही अपनी चलाना चाहता है |

वजूद अपना बनाकर के, अब सब में
 अपनी पहचान बनाना चाहता है |

By:-Akshita Jangid 
(poetess) पंछी
वो पंछी की तरह उड़ना चाहता है 
अपने ही हाल में जीना चाहता है |

ना हो किसी की खबर उसे, बस 
अपने में ही, मस्त रहना चाहता है |

खुद को पाने की इतनी बेताबी है, की
अकेले में ही खुद को जानना चाहता है |

हर मुश्किल से लड़कर अब, खुद 
ही अपनी चलाना चाहता है |

वजूद अपना बनाकर के, अब सब में
 अपनी पहचान बनाना चाहता है |

By:-Akshita Jangid 
(poetess) पंछी

पंछी