कलम और कागज़ 💐❤✍🖊📚कलम ,कागज बेगाने पड़े थे, कलम कागज .बेगाने पड़े थे मेरे डायरी के कोने _कोने में ,मेरी कलम भी शर्म _आती है, शर्म _आती थी यू _यूं ही शब्दों का जाल ना बुना _करो ,करो ,क्यों संजोती हो सपनाॱ सपने ,बह जाने दो उन कल्पनाओं को ,उतर जाने दो , दो उतर जाने उन भावनाओं को छिपा डालो अपने अनुभवों को ,यूं ही कल्पनाओं में वक्त ना निकालो ,ना निकालो जो बेकार पड़ी है ़तेरी डायरी में ,बेकार पड़ी तेरी डायरी मे! ,ना कोई इसे पड़ता है ना कभी कोई झांकता है बैठ कभी तू झांक लिया करती है अपने अंतर्मन की नैनों मे, ना ही कोई इसका पता पूछता ,ना ही इसका ठिकाना ,कहां है इसका खजाना!! कौन है इसका दर्द ,कौन है इसकी पीड़ा कौन इसकी खुशी है,कौन इसकी रक्षक है ,कौन इसकी माया है ,कौन कौन है इसकी साया, इसकी छाया ,कौन इसकी धूप है ,कौन इसकी ठंडा आई है ,कौन इसकी मौन है ,कौन इसकी आवाज है ,कौन इसकी किलकारियां हैं ,कौन इसकी ऊंचाई है कौन इसकी अनुभूति है ,कौन इसकी जमी है ,कौन इसकी उड़ान #कौन इसकी परछाई है?🤔🤔🤔 I love my💝 दिल को छूने वाली मेरी डायरी🤗👑👈