मोहब्बत रंग देखती है, मोहब्बत धर्म देखती है, मोहब्बत पीछे छुप-छुपकर, साँसें गर्म देखती है। मोहब्बत सामने है ख़ामोश, दिल में बुगज़ रखती है, करके दो पल प्यार की बातें, दूरियों की मर्ज़ रखती है। मोहब्बत को उजाला चाहिए, अंधेरा थोड़ी पसंद उसे हो, दोस्ताना लबों पर बेशक उसके, दिल से द्वन्द पसंद उसे तो। मोहब्बत खेल है, खेल जनाब, बिन पटरी के, रेल जनाब, अब छोड़ो अंधेरा, आओ उजाले पर, मोहब्बत काल कोठरी है, जेल जनाब। Ek mohabbat aisi bhi.... Cruel truth... #notworkingmyway #motivationtime #परिंदे #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqtales #love