Nojoto: Largest Storytelling Platform

सहल ज़रा ना था तुमसे दूर जाना पर मुकद्दर की

सहल ज़रा  ना था  तुमसे  दूर  जाना
पर  मुकद्दर  की यही इक कहानी थी।
पहला  प्यार   तुमसे   था  जहनसीब
और  आख़िरी भी  तुमसे  रवानी  थी।
बस  नाम  ए- मोहब्बत  परवान  छड़े
सदा हमारी यही दुआ- ए- निशानी थी।
ख़ास  तुम हमारा  एहतराम करते रहते
बाकी  ख़ुदा  की बहुत  मेहरबानी  थी।

S.A.Sheikh🖤

©Shoaib Akhtar Sheikh सहल ज़रा  ना था  तुमसे  दूर  जाना
पर  मुकद्दर  की यही इक कहानी थी।
पहला  प्यार   तुमसे   था  जहनसीब
और  आख़िरी भी  तुमसे  रवानी  थी।
बस  नाम  ए- मोहब्बत  परवान  छड़े
सदा हमारी यही दुआ- ए- निशानी थी।
ख़ास  तुम हमारा  एहतराम करते रहते
बाकी  ख़ुदा  की बहुत  मेहरबानी  थी।
सहल ज़रा  ना था  तुमसे  दूर  जाना
पर  मुकद्दर  की यही इक कहानी थी।
पहला  प्यार   तुमसे   था  जहनसीब
और  आख़िरी भी  तुमसे  रवानी  थी।
बस  नाम  ए- मोहब्बत  परवान  छड़े
सदा हमारी यही दुआ- ए- निशानी थी।
ख़ास  तुम हमारा  एहतराम करते रहते
बाकी  ख़ुदा  की बहुत  मेहरबानी  थी।

S.A.Sheikh🖤

©Shoaib Akhtar Sheikh सहल ज़रा  ना था  तुमसे  दूर  जाना
पर  मुकद्दर  की यही इक कहानी थी।
पहला  प्यार   तुमसे   था  जहनसीब
और  आख़िरी भी  तुमसे  रवानी  थी।
बस  नाम  ए- मोहब्बत  परवान  छड़े
सदा हमारी यही दुआ- ए- निशानी थी।
ख़ास  तुम हमारा  एहतराम करते रहते
बाकी  ख़ुदा  की बहुत  मेहरबानी  थी।

सहल ज़रा ना था तुमसे दूर जाना पर मुकद्दर की यही इक कहानी थी। पहला प्यार तुमसे था जहनसीब और आख़िरी भी तुमसे रवानी थी। बस नाम ए- मोहब्बत परवान छड़े सदा हमारी यही दुआ- ए- निशानी थी। ख़ास तुम हमारा एहतराम करते रहते बाकी ख़ुदा की बहुत मेहरबानी थी। #LostTracks