अगर मैं पंछी होता तो... साहिल पार चला जाता ना होती सीमा किसी की ना जात पात का भेद पाता खुल के जीता ज़िन्दगी को अपनो में अपनो जैसा अहसास पाता अगर में पंछी होता तो साहिल पार चला जाता माना ना समझ कहलाता मैं पर इस मतलब की दुनिया में अपना नाम ना पाता... अगर में पंछी होता तो साहिल पार चला जाता... #Rinku_Sharma #hindi_poetry #poetry_lover #Hindi_Kavita #Hindi_writing @Rinku_Sharma #YouTube_channel https://youtu.be/eTgpEuLjG5E