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तेरी धरोहर को, ऐ धरती माँ.. हर इंसान ने उजाड़ दिया

तेरी धरोहर को, ऐ धरती माँ.. 
हर इंसान ने उजाड़ दिया.. 
नया युग कह- कह कर, 
हर जुर्म वक्त पर डाल दिया... 
आज हर अल्फाज बच्चों के, 
तुच्छ भाषा से व्यक्त होती  है, 
और कुछ  मर्दो की आँखों से तो 
सिर्फ हैवानियत झलकती है, 
ऐ धरती माँ, ये बात जानकार 
तू खुद से भी घबराएगी,
इस धरती की लाज बेचकर 
दुनिया ख़ुशी से खायेगी,  
माँ इस युग को सब कलयुग कहकर 
अपना राज चलाएगी.. # धरती माँ 
plzz इस कविता को गलत तरीके से  मत लेना..
तेरी धरोहर को, ऐ धरती माँ.. 
हर इंसान ने उजाड़ दिया.. 
नया युग कह- कह कर, 
हर जुर्म वक्त पर डाल दिया... 
आज हर अल्फाज बच्चों के, 
तुच्छ भाषा से व्यक्त होती  है, 
और कुछ  मर्दो की आँखों से तो 
सिर्फ हैवानियत झलकती है, 
ऐ धरती माँ, ये बात जानकार 
तू खुद से भी घबराएगी,
इस धरती की लाज बेचकर 
दुनिया ख़ुशी से खायेगी,  
माँ इस युग को सब कलयुग कहकर 
अपना राज चलाएगी.. # धरती माँ 
plzz इस कविता को गलत तरीके से  मत लेना..
pooja1464341979013

pooja negi#

New Creator

# धरती माँ plzz इस कविता को गलत तरीके से मत लेना..