गुलाब सा खिल जाता हूं तुम्हे देख कर तुम्हे देख के में अपना हर ग़म भूल जाता हूं बस तुम मुस्कुरा दो मै उस लिए जमाने से लड़ जाता हूं #bipinpandey #shayari #loveshayari #poems #dilkiawaz शरद ठाकुरी