दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है, ऐ दिल-ए-नादां तेरे टूटने की, आवाज तो नहीं आई। खामोशी से तुझ पर चले खंजर, लहू के कतरे बहे आंखों से, जो नहीं आयें, किसी को दिखाई।। सिसकियां सुनने वाला कौन था पास तेरे, दर्द से चिखने की आवाज तेरी, नहीं आई, किसी को सुनाई।। ऐ दिल-ए-नादां तेरे टूटने की, आवाज तो नहीं आई..... ©Yogendra Nath #DilAurIshq