आज का ज्ञान सूरज लगा नजदीक, रस्ते में दिखने लगा... आस्माँ भी, पहाड़ों से यह कहने लगा... कि जाने कब से पृथ्वी घूमती, सूरज खड़ा रहा... हिला नहीं, मैं भी यह देखता रहा... आखिर यह कैसा कमाल है? लाल क्यों सूरज का गाल है? कहीं मारा तो नहीं किसी ने उसे तमाचा? जिस कारण खड़े-खड़े ही दिखाना पड़ रहा है उसे तमाशा! आखिर कैसी है यह गुत्थी? सोचकर दिमाग की दही बनके हो गई छुट्टी! धन्यवाद _बधाई हो छुट्टी की by रोहित थपलियाल सूरज लगा नजदीक, रस्ते में दिखने लगा... आस्माँ भी, पहाड़ों से यह कहने लगा... कि जाने कब से पृथ्वी घूमती, सूरज खड़ा रहा... हिला नहीं, मैं भी यह देखता रहा... आखिर यह कैसा कमाल है? लाल क्यों सूरज का गाल है?