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क्या लगा तुम्हें कि मैं चैन से सो रहा था आंखें बंद

क्या लगा तुम्हें कि मैं चैन से सो रहा था
आंखें बंद थी फिर भी मेरा दिल रो रहा था
तुझसे दूर जाना मेरी मजबूरियों की मर्जी थी
तू खुश रहे हमेशा यही मेरे खुदा से अर्जी थी
📝प्रिंस यादव💔 #मजबूरियां
क्या लगा तुम्हें कि मैं चैन से सो रहा था
आंखें बंद थी फिर भी मेरा दिल रो रहा था
तुझसे दूर जाना मेरी मजबूरियों की मर्जी थी
तू खुश रहे हमेशा यही मेरे खुदा से अर्जी थी
📝प्रिंस यादव💔 #मजबूरियां